चुनावों में शहरी के मुकाबले ग्रामीण रहे आगे; 2.58 लाख मतदाता नए जुड़े
नोएडा। लोकसभा चुनावों में इस बार ग्रामीण मतदाता निर्णायक की भूमिका में रहेंगे। यही वजह है कि इस बार प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी भी ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता को रिझाने का प्रयास कर रहे है।
भाजपा, सपा-कांग्रेस और बसपा तीनों प्रत्याशी ही जेवर, दादरी, खुर्जा और सिकंदराबाद के गांवों में एक दूसरे के वोटर में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे है। अब देखना है कि मतदाता किस तरफ जाएंगे।
गौतमबुद्धनगर लोकसभा में करीब 26 लाख मतदाता है। जिसमें से करीब 16 लाख मतदाता ग्रामीण क्षेत्र से आते है। विगत तीन लोकसभा चुनावों में मतदान के आंकड़े भी यही बयां कर रहे है। गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट में पांच विधानसभा आती है। इसमें तीन विधानसभा नोएडा, दादरी, जेवर गौतमबुद्धनगर जिले से है, जबकि खुर्जा व सिकंदराबाद विधानसभा बुलंदशहर जिले से आती है।
ऐसे में दोनों जिलों की पांचों विधानसभा को मिलाकर कुल 705 गांव है, ऐसे में ग्रामीण आबादी ही चुनावी मतदान में अहम भूमिका निभाने वाली है।
इस बार लोकसभा में करीब 2.58 मतदाता नए जुड़े है। जो इस भूमिका का और अधिक मजबूती देने जा रहे है। ऐसे में शहरी मतदाता से अधिक ग्रामीण मतदाता की भूमिका अहम मानी जा रही है। बता दे गौतमबुद्ध नगर में 2019 में शहर में कुल 54 प्रतिशत मतदाता ने वोट दिया वहीं गांव में इसका प्रतिशत 64 रहा।
गौतमबुद्धनगर में 705 गांवों के 16 लाख मतदाता होंगे निर्णायक
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