Sunday, May 12, 2024
spot_img
Homeबिहारकर्ज से देश का हाल बदहाल, केंद्र के पूंजीपति मित्र हो रहे...

कर्ज से देश का हाल बदहाल, केंद्र के पूंजीपति मित्र हो रहे मालामाल : राजीव रंजन

पटना : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को कर्ज में डुबो देने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि कर्ज से देश का हाल बदहाल है लेकिन सरकार के पूंजीपति मित्र मालामाल हो रहे हैं।
श्री रंजन ने बुधवार को कहा कि कर्ज लेकर घी पीने की केंद्र सरकार की आदत ने देश की अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में धकेल दिया है। हालात ऐसे हो गये हैं कि आज देश का कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बराबर हो गया है। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भी इस विषय पर सरकार को बार-बार आगाह कर रही है लेकिन वह हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
जदयू महासचिव ने कहा कि देश के माथे पर लदी कर्ज की गठरी इतनी भारी हो गयी है कि श्री नरेंद्र मोदी देश के इतिहास में सबसे अधिक कर्ज लेने वाले प्रधानमंत्री बन चुके हैं। आजादी के बाद से देश के 14 प्रधानमंत्रियों ने कुल मिलाकर मात्र 55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया था लेकिन मोदी सरकार ने सिर्फ पिछले 10 सालों में इसे लगभग चार गुणा बढ़ाते हुए 205 लाख करोड़ कर्ज से अधिक कर दिया है। यानी आज देश में पैदा होने वाले बच्चे पर भी एक करोड़ रुपए से अधिक कर्जा है।
जदयू महासचिव ने कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक भारत सरकार का कर्ज देश के बैंकों को एक डूम लूप में धकेल रहा है। डूम लूप यानी किसी देश की सरकार अपने बैंकों से कर्ज लेते-लेते डिफॉल्ट हो जाती है। बैंक भी डूबते हैं और सरकार भी। उन्होंने बताया कि वर्ष 1998 में रूस और 2001-02 में अर्जेटीना इसी तरह से बरबाद हुए थे।
श्री रंजन ने कहा कि देश को कर्ज के मकड़जाल में धकेलने के बाद भी केंद्र अपने पूंजीपति मित्रों का ख्याल रखना नहीं भूल रहा है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गयी एक जानकारी के जवाब में रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने साफ कहा है कि सिर्फ पिछले पांच वर्षों में 10.57 लाख करोड़ के कर्ज माफ किये गये हैं। इसमें सिर्फ 2022-23 में ही 2.09 लाख करोड़ से अधिक का बैड लोन माफ कर दिया गया है। यह दिखाता है कि भाजपा के लिए देश से बढ़कर उसके पूंजीपति मित्रों का हित है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments