Saturday, May 4, 2024
spot_img
Homeउत्तराखंडविकास के मानकों का पुन: मूल्यांकन करना होगा : मुर्मू

विकास के मानकों का पुन: मूल्यांकन करना होगा : मुर्मू

देहरादून: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वर्तमान के मानव केन्द्रित विकास काल खंड में विकास के साथ, साथ विनाशकारी परिणाम सामने आए हैं। संसाधनों के असंतुलित दोहन ने मानवता को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां विकास के मानकों का पुन: मूल्यांकन करना होगा।

सुश्री मुर्मू ने बुधवार को यहां इन्दिरा वन अकादमी में वर्ष 2022 बैच के परिविक्षाधीन भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज यह समझना बहुत जरूरी है कि हम पृथ्वी के संसाधनों के मालिक नहीं हैं, बल्कि ट्रस्टी हैं। हमारी प्राथमिकताएं मानव केंद्रित होने के साथ-साथ प्रकृति केंद्रित भी होनी चाहिए। वस्तुत: प्रकृति केंद्रित होकर ही हम सही अर्थों में मानव केंद्रित हो सकेंगे।

उन्होने इस बैच में शामिल सभी 10 महिला अधिकारियों को विशेष रूप से बधाई देते हुए कहा कि आप समाज के प्रगतिशील बदलाव की प्रतीक हैं, इसलिए आशा करती हूँ कि आने वाले समय में महिला अधिकारियों की संख्या और भी बढ़ेगी। उन्होंने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि जंगलों के महत्व को जान-बूझ कर भुलाने की गलती मानव समाज कर रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम यह भूलते जा रहे हैं कि वन हमारे लिए जीवन दाता हैं। यथार्थ यह है कि जंगलों ने ही धरती पर जीवन को बचा रखा है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आपके पास जंगलों के संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण की जिम्मेदारी है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप अपने इस अप्रतिम दायित्व के प्रति सजग और सचेत होंगे एवं पूर्ण निष्ठा से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments