Friday, May 3, 2024
spot_img
Homeराष्ट्रीयएनएचआरसी ने कश्मीरी पंडितों की हत्या का मामला 'मानवीय' आधार पर निपटने...

एनएचआरसी ने कश्मीरी पंडितों की हत्या का मामला ‘मानवीय’ आधार पर निपटने का निर्देश दिया

श्रीनगर: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने जम्मू-कश्मीर सरकार को 1990 में एक प्रसिद्ध कश्मीरी पंडित और उनके बेटे की हत्या से संबंधित मामले की मानवीय आधार पर जांच करने का निर्देश दिया है।
एनएचआरसी ने 18 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव से इस मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि जाने-माने कश्मीरी पंडित लेखक और कवि, सर्वानंद कौल प्रेमी और उनके बेटे की अप्रैल 1990 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। सर्वानंद प्रेमी के साहित्यिक योगदान को 2021 में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की गई और उन्हें मरणोपरांत लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके बेटे राजिंदर प्रेमी ने 2020 में एनएचआरसी में एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सरकार ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) की सिफारिशों को लागू करने में देरी करके आतंकवाद प्रभावित परिवार के प्रति उदासीनता का प्रदर्शन किया है।
एनएचआरसी ने कहा कि राज्य इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि जम्मू-कश्मीर एसएचआरसी के डिवीजन बेंच के 22.2.2012 के निर्णय को पूरी तरह से लागू करने में बहुत देरी हुई है। आयोग ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता का परिवार, जीवन और संपत्ति राज्य प्रशासन/कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा संरक्षण एवं रक्षा देने में विफलता के कारण पीड़ित है।
एनएचआरसी ने कहा कि स्वर्गीय सर्वानंद कौल हिंदी, उर्दू, कश्मीरी, फारसी, अंग्रेजी और संस्कृत के जानकार होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध समाजसेवक, गांधीवादी, प्रसारक, समाज सुधारक, साहित्यकार, अनुवादक और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। एक प्रख्यात विद्वान होने के कारण, वह सभी समुदायों के बीच राष्ट्रीय अखंडता में दृढ़ता से विश्वास करते थे। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्होंने 1942-1946 तक देश के लिए भूमिगत होकर भी काम किया और इस समयावधि में वह छह बार गिरफ्तार हुए।
आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव को पूरे मामले की मानवीय दृष्टिकोण के साथ जांच करने और इस मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
एनएचआरसी ने कहा कि आयोग अपनी रजिस्ट्री को निर्देश देता है कि वह शिकायतकर्ता की दिनांक 15.4.2024 की प्रस्तुति को तत्काल प्रेषित करे और इस अवलोकन/निर्देश के साथ, इस मामले को तत्काल बंद किया जाता है। मामले को बंद करते हुए एनएचआरसी ने मुख्य सचिव को आयोग के निर्देशानुसार अपने स्तर पर आगे की आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments