Noida News : केंद्रीय गृह मंत्रालय के दफ्तर ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में शत्रु संपत्ति की 180 करोड़ से अधिक की जमीन पर कब्जा लेने के लिए नोटिस जारी किया है। इस कार्रवाई से पहले जिला प्रशासन से शत्रु संपत्तियों का डाटा मांगा गया था। नोटिस में कब्जाधारकों को कहा गया है कि वो आज से अगले 30 दिन में जमीन का कब्जा यानी अभिरक्षा शत्रु संपत्ति भारत सरकार को दे दें। गृह मंत्रालय के इस नोटिस में हाईकोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया गया है कि कोर्ट का आदेश भी उनके पक्ष में आया है। केंद्र सरकार शत्रु संपत्ति बेचने की तैयारी कर रही है।
प्राधिकरण और गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी
हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में ही वह इन जमीनों पर कब्जा ले रहे हैं। शत्रु संपत्ति की सबसे अधिक कीमती जमीन बरौला में है, जिसकी कीमत गृह मंत्रालय द्वारा ही एक अरब 42 करोड़ से अधिक आंकी गई है। इस जमीन पर पिछले कुछ समय में ही बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो हो चुका है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने प्राधिकरण और गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी थी। अलग-अलग जगह पर कुल 180 करोड़ की संपति पता चला है।
सीबीआई ने दर्ज किया था मुकदमा
एसडीएम दादरी ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार इस मामले में कार्रवाई की जाएगी और शत्रु संपत्ति की जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। शाहबेरी में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कराया था। शाहबेरी में शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जे के मामले में जून 2022 में सीबीआई ने भी मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमें में नामजद किए गए लोगों में उन लोगों का भी नाम था, जिनकी जमीन पर कब्जा लेने के लिए अब भारत सरकार के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय की ओर से नोटिस जारी किया गया है।
क्या होती है शत्रु संपत्ति
शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 भारतीय संसद में पारित एक अधिनियम है। अधिनियम के तहत शत्रु संपत्ति पर भारत सरकार का अधिकार होगा। अधिनियम के अनुसार, जो लोग भारत-पाकिस्तान बंटवारे या 1965 और 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए। साथ ही वहां की नागरिकता ले ली थी, उनकी सारी अचल संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दी गई थी।