Saturday, May 18, 2024
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शी जिनपिंग जरदारी के साथ मिलकर काम करने को तैयार

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों के बढ़ते रणनीतिक महत्व को रेखांकित करते हुये कहा है कि वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ काम करने को तैयार हैं।

जियो न्यूज ने बताया कि चीन के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के दिग्गज नेता को राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल हासिल करने पर बधाई देते हुए कहा, “(चीन) विभिन्न क्षेत्रों में (पाकिस्तान के साथ) सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए (निर्वाचित राष्ट्रपति) जरदारी के साथ काम करने के लिए तैयार है।”

उन्होंने आपसी हित के मामलों पर दोनों देशों द्वारा प्रदर्शित द्विपक्षीय समर्थन को याद करते हुए, दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने पड़ोसी देशों की ऐतिहासिक साझेदारी और सहयोग पर जोर देते हुए कहा, “दोनों देशों ने सीपीईसी की स्थापना के जरिए सार्थक परिणाम हासिल किए हैं।”

चीन के राष्ट्रपति का बयान आया है ऐसे समय आया है जब आज शाम चार बजे श्री जरदारी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। समारोह में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, तीनों सेनाओं के प्रमुख और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होंगे।

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फैज ईसा श्री जरदारी को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे। श्री जरदारी ने अपने प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तनवनिर्वाचित राष्ट्र प्रमुख कोहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के खिलाफ 411 इलेक्टोरल वोट हासिल करके शीर्ष पद हासिल किया। एसआईसी उम्मीदवार महमूद खान अचकजई को 181 वोट मिले।

ऐतिहासिक दूसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने वाले श्री जरदारी की जीत तब हुई जब उन्हें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) सहित दूसरे सहयोगी दलों का समर्थन हासिल हुआ।

राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों में 398 में से 381 सांसदों ने मतदान किया।

इस बीच, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ), जमात-ए-इस्लामी (जेआई), पीटीआई और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) से जुड़े 17 सांसदों ने अलग-अलग कारणों से राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा पीटीआई के शिबली फ़राज़, इजाज चौधरी और आजम स्वाति ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

एक ओर जहां सहयोगी दिग्गज राजनेता को शीर्ष पद हासिल करने पर बधाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पीटीआई ने इस घटनाक्रम को लोकतंत्र के लिए एक “बुरा शगुन” करार दिया है।

इससे पहले श्री जरदारी 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत थे और अगस्त 2018 से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य हैं।

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