कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य को वैध रूप से मिलने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) निधि सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग करने के बाद भी शनिवार को लगातार दूसरे दिन अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए मोदी सरकार से मनरेगा निधि तुरंत जारी करने की मांग की। सुश्री बनर्जी ने अपनी मांगों को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए शुक्रवार को यहां रेड रोड पर धरना शुरू किया।
सुश्री बनर्जी ने अस्थायी तंबू में रात बिताई जहां उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगी और पार्टी नेता धरने में शामिल हुए, जिसके शनिवार शाम को समाप्त होने की उम्मीद है।
शुक्रवार को श्री मोदी को लिखे पत्र में बनर्जी ने हैरानी जताई और दावा किया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट ‘गलत और भ्रामकÓ है। पत्र में कहा गया,कैग की 2020-21 की राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट में बताया गया है कि 2002-03 से 2021 तक 2,29,099 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने में देरी हुई है। पत्र में कहा गया,जांच करने पर हालांकि, यह पाया गया कि राज्य के संबंधित विभागों ने भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत किए गए आवंटन व मंजूरी के खिलाफ निर्धारित प्रारूप में केंद्र के संबंधित मंत्रालयों को समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कर दिया था।
बनर्जी ने कहा कि चूंकि केंद्र उपयोगिता प्रमाणपत्रों से संतुष्ट था इसलिए विभिन्न योजनाओं के तहत समय-समय पर आवंटन किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया,विभिन्न मंत्रालयों द्वारा जारी मंजूरी आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पिछली अवधि के कोई भी उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित नहीं हैं।
बनर्जी ने इस बात पर हैरानी जताई कि कैग जैसी संस्था रिपोर्टों की पुष्टि किए बिना और उनकी सरकार के खिलाफ ‘भ्रामकÓ जानकारी प्रदान किए बिना ऐसी टिप्पणियां कर सकती है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा,इस मामले की गंभीरता और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे (श्री मोदी से) हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करूंगी कि राज्य को वैध रूप से मिलने वाली धनराशि गरीब लोगों के हित में तुरंत जारी की जाए।
बनर्जी ने केंद्र द्वारा राज्य का बकाया बकाया कथित तौर पर रोके जाने के विरोध में शुक्रवार दोपहर को यहां अपना दो दिवसीय धरना शुरू किया। गौरतलब है कि बनर्जी का यह मुद्दा विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत बकाया राशि को केंद्र द्वारा कथित तौर पर रोके जाने से संबंधित है।