हत्यारा बाप एक महीने से कर रहा था प्लानिंग, धमकी से डरकर दादा-दादी ने घर छोड़ा
भिवानी। हरियाणा में भिवानी के धनाना गांव में हुए बेटे और बेटी की हत्या के मामले में खुलासा हुआ है। 8 मई को पत्नी सरोज की मौत के बाद सुभाष ने बच्चों की हत्या और खुद को मारने की योजना बनानी शुरू कर दी थी। वह एक-एक, दो-दो करके नींद की गोलियां इक_ी कर रहा था। उसने जहर की गोलियां भी खरीद ली थीं।
इसके लिए उसने पत्नी की मौत वाली तारीख ही चुनी। 8 जून को उसने सुबह दोनों बच्चों को मैंगो शेक में नींद की गोलियां दीं। बच्चे तुरंत बेसुध नहीं हुए। इसके बाद वह साइकिल उठाकर पंचर की दुकान पर चला गया। वहां से लौटते वक्त वह ब्रेक की तार उठा लाया।
घर आया तो बेटी आरुषि सो चुकी थी, जबकि बेटा बसंत जागता मिला। इस पर उसने बेटे को सोने के लिए कहा। पिता के कहने पर बेटा भी सो गया। इसके बाद सुभाष ने ब्रेक वाले तार से पहले उनके गले घोंट दिए। तार खुल न जाए या दोनों बच्चे जिंदा न बच जाएं, इसके लिए चाबी और पाना तार में कस कर बांध दिया। फिर खुद भी जहर की गोलियां खा लीं।
सुभाष की हालत भी गंभीर है। उसका रोहतक पीजीआई में इलाज चल रहा है। वह इस पूरी वारदात के लिए अपनी मां मेवा देवी और पिता आजाद सिंह को ही जिम्मेदार बता रहा है। हालांकि, मेवा देवी ने पोते-पोती की हत्या करने को लेकर सुभाष के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। उनका कहना है कि बेटे की धमकी से डरकर वे रिश्तेदारों के रहने लगे थे।