घरों में 2 लाख एसी, 25 हजार इंडस्ट्री, 5 हजार कॉमर्शियल संस्थान में खपत
नोएडा। नो पावर कट जोन गौतमबुद्ध नगर में इन दिनों बिजली कटौती से लोग परेशान है। गौतमबुद्ध नगर में बिजली की डिमांड 2400 मेगावॉट के आसपास आ रही है। ये डिमांड प्रदेश में सबसे ज्यादा है। शहरी सेक्टरों में 50 प्रतिशत ब्रेकडाउन एलटी एबीसी केबल जलने से हो रहे हैं। इसके साथ ही आईएमडी ने 3 दिन का रेड अलर्ट घोषित कर दिया है।
ग्रामीण क्षेत्र में बिजली लाइनों पर क्षमता से अधिक लोड और ट्रांसफॉर्मर पर असंतुलित लोड की वजह से सप्लाई बाधित हो रही है। यहां के सब स्टेशन ओवर लोड है। जर्जर ट्रांसमिशन के कारण ऐसा हो रहा है। सोसाइटी में मांग के अनुसार लोड कम है। इससे फाल्ट हो रहा है।
नोएडा की बात करे तो यहां प्रॉपर्टी को 7 श्रेणी में बांटा गया है। इंस्टीट्यूशनल, इंडस्ट्री, रेजिडेंसिएशल, ग्रुप हाउसिंग, हाउसिंग, कॉमर्शियल और विलेज। 2019 के अपडेट के बाद इनकी संख्या कुल 87 हजार प्रॉपर्टी है। ये प्राधिकरण में रजिस्टर्ड है। इसके अलावा गांवों व अवैध रूम से बनी इमारत अलग है।
इन सभी बिजली की सप्लाई यूपीपीसीएम कर रहा है। ग्रेनो वेस्ट में करीब 400 सोसाइटी है। जिसमें 1.5 लाख से ज्यादा फ्लैट है। जिसमें लोग रह रहे है। यहां एनपीसीएल सप्लाई कर रहा है। दोनों मिलाकर डिमांड 2400 मेगावॉट के आसपास है।
क्यों बढ़ रही इतनी डिमांड इसे पाइंट में समझे
गौतमबुद्ध नगर का अधिकतम तापमान इन दिनों 45 से 46 डिग्री के आसपास है।
गर्मी से बचने के लिए यहां एयर कंडीशन का प्रयोग धडल्ले से किया जा रहा है। एक आकलन के अनुसार एयर कंडीशन कितनी बिजली की खपत करता है, यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें एसी यूनिट टाइप, इसकी कैपेसिटी और सेट किया तापमान शामिल है। हालांकि, सामान्य तौर पर, एसी प्रति घंटे 1,000 और 2,500 वाट के बीच बिजली की खपत करता हैं। नोएडा और ग्रेटरनोएडा के फ्लैट में 2 लाख से ज्यादा एसी रोजाना इन घरों में चल रहे है।
नोएडा और ग्रेटरनोएडा में करीब 25 हजार औद्योगिक इकाईयां।
5 हजार के आसपास कॉमर्शियल संस्थान (मॉल , मल्टीप्लेक्स, शो रूम और दुकान)।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अलावा ईवी गाड़ियां भी इसके दायरे में है।
शहर में 50 प्रतिशत और गांव में 30 प्रतिशत तार टूटने और जलने से ब्रेकडाउन
उपभोक्ता परिषद ने बिजली कटौती के कारणों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार कर पीपीसीएल के चेयरमैन को दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में 33 केबी अंडरग्राउंड केबल फॉल्ट के कारण सबसे ज्यादा 15 अप्रैल से 15 मई के बीच ब्रेकडाउन हुए। ये ब्रेकडाउन एलटी एबीसी केबल के जलने के कारण हुए हैं। इस रिपोर्ट में शहर के ऐसे इलाकों को चिह्नित कर वहां अतिरिक्त एबीसी सर्किट डालने का सुझाव दिया गया है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 30 प्रतिशत ब्रेकडाउन तार टूटने के कारण हो रहे हैं।
28 सौ मेगावॉट तक की संभावना
जिले में इस बार बिजली की मांग अधिकतम 28 सौ मेगावॉट तक पहुंचने की संभावना है। प्रदेश में यह आंकड़ा 31 हजार के पार रहेगा। ऐसे में विद्युत निगम की तरफ से लगातार ओवर लोड वाले उप केंद्रों से लोड वितरण को लेकर काम किया जा रहा है। साथ ही अगले कुछ दिनों तक ट्रिपिंग और कटौती की भी समस्या बनी रहेगी। मौसम में बदलाव से ही लोड पर असर पड़ेगा। पारा बहुत ज्यादा होने से भी सब स्टेशन पर फाल्ट हो रहे हैं।
2400 मेगावाट तक पहुंच रही नोएडा की पावर सप्लाई डिमांड
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