कोर्ट ने डिस्चार्ज अर्जी खारिज की, तीन महिलाओं सहित 84 अभियुक्त जेल में बंद
संभल। संभल के विवादित स्थल के 24 नवंबर 2024 को सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट कोर्ट की न्यायाधीश रागिनी सिंह ने 50 अभियुक्तों पर आरोप तय किए और बहस के बाद उनके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
कुछ आरोपियों की ओर से अधिवक्ताओं ने डिस्चार्ज प्रार्थनापत्र दाखिल किए थे। उनका तर्क था कि उनके मुवक्किल नामजद नहीं थे और हिंसा में शामिल नहीं थे। पुलिस ने बिना सबूत के उन्हें घर से उठाकर जेल भेज दिया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया कि 50 अभियुक्तों पर आरोपों के अनुसार लगाई गई धाराओं के अनुसार न्यायालय ने आरोप तय किए हैं। उन्होंने न्यायालय में बताया कि पुलिस पर पत्रावली पर साक्ष्य हैं पुख्ता सबूत है ऐसे में अभियुक्तों के प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाना आवश्यक है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने डिस्चार्ज प्रार्थनापत्र खारिज कर दिए। इस मामले में पुलिस अब तक 84 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। आरोपियों की जमानत अर्जियां भी खारिज हो चुकी हैं।
अब अभियोजन पक्ष कोर्ट में गवाहों की गवाही और अन्य सबूत पेश करेगा। इन्हीं के आधार पर कोर्ट अंतिम फैसला सुनाएगी। संभल हिंसा मामले में जल्द ही निर्णय आने की संभावना है।
आपको बता दें कि बीती 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है। 19 नवंबर की शाम को मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ और दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ।
मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान हजारों की संख्या में इक_ा हुए लोगों ने पुलिस पर पथराव-फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें चार मौतें हो गई, वहीं उग्र भीड़ ने गाड़ियों को फूंक दिया। पुलिस ने सदर की गिरफ्तारी से पहले तीन महिलाओं सहित कुल 84 अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा है, इसमें मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट भी शामिल है।
संभल हिंसा : 50 आरोपियों पर आरोप तय
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