Saturday, September 21, 2024
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नोएडा में तोड़ी जाएंगी 50 से ज्यादा अवैध इमारत

15 को किया है सील, गिराने के लिए एजेंसी का चयन; 5 फ्लोर तक के निर्माण
नोएडानोएडा में पिछले दो महीने से चल रहे अभियान के तहत 35 से ज्यादा इमारतों पर लिखा ये अवैध निर्माण है। 15 इमारत को सील किया गया। यानी इन 50 इमारत को अब तोड़ा जाएगा। जून में मतगणना के बाद बड़ा एक्शन देखने को मिलेगा। तोड़ने का काम बाहरी एजेंसी करेंगी। पहले फेज में सर्किल-3 ने इसकी शुरुआत की है। प्राधिकरण ने बीआर चावला नाम की एजेंसी का चयन किया है। इसका बॉन्ड भी तैयार हो गया है। ये एजेंसी 10 इमारत को पहले फेज में तोड़ेगी।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इमारतों को तोड़कर निकलने वाले मलबा को बेचकर एजेंसी अपना खर्च निकाले गी और प्राधिकरण को भी रुपए देगी। एजेंसी के पास मशीनें होंगी, जो आस-पड़ोस की इमारतों को बिना नुकसान पहुंचाए और बगैर खतरे के आसानी व तेजी के साथ तोड़ सकेंगी। अब पुलिस बल की मांग की गई है। दूसरी तरफ इमारतों को स्वयं ध्वस्तीकरण के लिए अंतिम नोटिस भी जारी किया गया है। पुलिस मिलते ही निजी एजेंसी से इन इमारतों को तोड़ने की शुरुआत की जाएगी।
अवैध निर्माण को लेकर अब तक प्राधिकरण ने दी 133 शिकायत
प्राधिकरण दो महीने से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर रहा है। प्राधिकरण को अपना लैंड बैंक बढ़ाना है। इसलिए अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसा दोबारा न हो इसलिए लगातार भू माफियाओं को चिह्नित किया जा रहा है। अब तक 133 शिकायत प्राधिकरण ने नोएडा पुलिस की है। जिस पर कार्रवाई की जा रही है। ये सभी शिकायत नोएडा के दस सर्किल की ओर से अपने अपने क्षेत्र में हो रही अवैध निर्माण को लेकर दी गई थी।
दो महीने में खाली कराई गई 656 करोड़ की जमीन
प्राधिकरण ने दो महीने में 1 लाख 33 हजार 362 वर्गमीटर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए अपने कब्जे में लिया। इस जमीन की कीमत करीब 656.71 करोड़ रुपए है। ये जमीन प्राधिकरण अधिसूचित और अर्जित जमीन है। जिस पर मास्टर प्लान 2031 के अनुसार प्लानिंग नियोजित है। इसलिए इस जमीन पर बिना प्राधिकरण आवंटन बनाई गई हर निर्माण अवैध है।
पहले फेज में 10 इमारत को गिराया जाएगा
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि बरौला की जो 10 इमारत तोड़ने के लिए चिह्नित हुई हैं, उनमें से कई नाले के किनारे हैं। इसके साथ ही अवैध इमारत भी हैं। बात अगर इनकी जमीन की करें तो राजस्व रिकॉर्ड में दो खसरा नंबर पर हैं। नियमों को ताक पर रखकर यहां इमारत खड़ी कर दी गईं। यह पूरा एरिया वर्क सर्कल-3 के क्षेत्र में आता है। कई मंजिल की ये इमारत एक दिन में नहीं बनी हैं। धीरे-धीरे निर्माण होता रहा। प्राधिकरण के जिम्मेदार आंख बंद कर बैठे रहे। अब जब निर्माण तोड़ना चुनौती बन गया है तो एजेंसी का चयन किया गया है।

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