12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी मामले में सर्चिंग, 15 ठिकानों पर पहुंची टीम
नोएडा। प्रवर्तन निदेशालय ने जेपी इंफ्राटेक से जुड़े प्रोजेक्ट पर रेड की है। 12 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में सर्चिंग चल रही है। इसमें होमबायर्स और निवेशकों के साथ धोखा और फंड्स की हेराफेरी का आरोप है। ईडी दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में स्थित जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड और उनसे जुड़ी अन्य कंपनियों जैसे गौरसंस, गुलशन, महागुन और सुरक्षा रियल्टी के 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है।
ईडी को शक है कि बड़ी मात्रा में फंड्स को डायवर्ट कर मनी लान्ड्रिंग की गई है। यह कार्रवाई उन हजारों होमबायर्स के लिए उम्मीद है, जो सालों से अपने घर का इंतजार कर रहे हैं।
हाल ही में ईडी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से जेपी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट से संबंधित फाइल मांगी थी। जिसमें बड़ी अनियमितता की बात सामने आ रही है। ऐसे में सेक्टर-128 से सेक्टर-132 तक के सभी प्रोजेक्ट जो जेपी इंफ्राटेक में आते है, यहां रेड जारी है।
17 हजार बायर्स को नहीं मिला फ्लैट
यहां दस्तावेजों को जब्त किया जा रहा है। साथ ही सेल ऑफिस में मौजूद लोगों से पूछताछ की जा रही है। श्वष्ठ ने नोएडा ग्रेटरनोएडा और यमुना से Orchards , kasa isles , kensington Boulevard, Kensington park , Krescent Homes , Kosmos , Klassic के दस्तावेज लिए थे। इनकी फाइल भी चेक की जा रही है। डिजिटल दस्तावेज को देखा जा रहा है।
इन दस्तावेजों के आधार पर रेड
ईडी प्रोजेक्ट से संबंधित स्वीकृत पत्र, ले आउट प्लान, बकाया, रजिस्ट्री के अलावा इनके को डेवलपर्स की जानकारी के आधार पर रेड कर रही है। बिल्डर बायर्स और बैंक एग्रीमेंट के दस्तावेज भी खंगाले जा रहे है। बताया गया कि लोन के लिए लगाए गए अधिकांश दस्तावेज साठगांठ करके तैयार किए गए।