नई दिल्ली/भोपाल/लखनऊ: मानसून ने शनिवार को केरल में दस्तक दे दी है। यह अपने तय समय 1 जून से 8 दिन पहले पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक,16 साल में ऐसा पहली बार हुआ, जब मानसून इतनी जल्दी आया। 2024 में यह 30 मई को केरल पहुंचा था।
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून चार दिन से देश से करीब 40-50 किलोमीटर दूर अटका हुआ था।। शुक्रवार शाम आगे बढ़ा। इसके आज ही तमिलनाडु और कर्नाटक के कई इलाकों में पहुंचने की संभावना है। वहीं, एक हफ्ते में देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर सकता है। 4 जून तक मध्य और पूर्वी भारत तक पहुंचेगा।
मौसम विभाग ने 24 मई के लिए दो तरह के रेड अलर्ट जारी किए हैं। पहला भारी बारिश और दूसरा भीषण गर्मी का है। गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र कर्नाटक और केरल के तटीय इलाकों में 200 mm तक बारिश हो सकती है। इन राज्यों में अगले सात दिन तक भारी बारिश हो सकती है।
देश के कुल 28 राज्यों में आंधी-बारिश का अलर्ट है। जबकि, राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में 27 मई तक गर्म हवाओं के चलते रेड अलर्ट है। जैसलमेर में शुक्रवार को सबसे ज्यादा 48 डिग्री तापमान रहा। इसमें आज और भी बढ़ोतरी हो सकती है।
1972 में सबसे देरी से केरल पहुंचा था मानसून IMD के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में मानसून के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल पहुंचा था।
इस साल मानसून में अल नीनो की संभावना नहीं मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि 2025 के मानसून सीजन के दौरान अल नीनो की संभावना नहीं है। यानी इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। कम बारिश की आशंका न के बराबर है। 2023 में अल नीनो सक्रिय था, जिसके कारण मानसून सीजन में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई थी।
अल नीनो और ला नीना क्लाइमेट (जलवायु) के दो पैटर्न होते हैं-
- अल नीनो: इसमें समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है।
- ला नीना: इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। इसका दुनियाभर के मौसम पर असर पड़ता है। आसमान में बादल छाते हैं और अच्छी बारिश होती है।
- समुद्र में जाने पर 27 मई तक रोक मौसम विभाग ने केरल के तटीय और आंतरिक क्षेत्रों में आंधी की चेतावनी दी है। मछुआरों सहित आम लोगों को एहतियाती उपाय करने की सलाह दी है। केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के तटों पर 27 मई तक मछली पकड़ने के लिए समुद्र में जाने पर रोक लगा दी गई है।